मेरी, मेरे गाँव की, नई कहानियाँ, नई परेशानियाँ, झूठी हामियाँ, वक्र दगाबाजियाँ, कुंठित तालियाँ, लड़ाकू लाठियाँ, बेकल बुजुर्ग, अज्ञात खामियाँ। धुंधली सड़कें, तीखी पट्टियाँ, काली नालियाँ, टेढ़ी चौकियाँ, खाली मकान, बेचैन हस्तियाँ। निर्जीव गाड़ियाँ, नीरस धमनियाँ, खंडित निशानियाँ, दबी ध्वनियाँ, जनहीन देवालय, निरस्त घंटियाँ। बुझी चिमनियाँ, गलित सब्जियाँ, बेमज़ा रोटियाँ, सूनी गलियाँ, खाली बस्तियाँ, मेरी, मेरे गाँव की, नई कहानियाँ, नई परेशानियाँ। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #MeraGanv #PoemOnVillage #kaviananddadhich #Poetananddadhich #HindiKavitaye