कह दूँ मैं तुझसे वो बात, जिसे सोचती हूँ हर रात। तेरी इक मुस्कुराहट, तेरी कातिल निगाहें, जिसके लिए बदल दूँ मैं अपनी राहें। तेरी एक आवाज सुनने को रहती बेकरार चाहती हूँ होती रहे तेरी मेरी प्यारी तकरार ॥ ख्वाईश है कि डूबी रहूँ तेरी ही बातों में, नींद भी ना आए मुझे, चाँदनी रातो में । तेरे सिवा कुछ ना सोचे ये दिल मेरा, कुछ तो अलग राबता है तेरा मेरा ॥ जब से देखा है तुझे मैंने, किसी और की तरफ ना ऊठी मेरी नैनें। ऐसा क्या है तुझमें जिससे खीची चली आती हूँ तेरी ओर, मन कहता है, अब सारी बंजिशे तोड़। ना लगता म #Shayari#इजहार