आप देखो अवसर समझने की आदत शीर्षक से प्रकाशित राज्य शासन के आलेख में विकराल होती अवसरवादी राजनीति का वास्तविक एवं कुमार चेहरा दर्शाया गया भारत में एक परंपरा राजनीतिक आम सहमति यही रही है कि अंतरराष्ट्रीय मामले में देश में एक सुर सुनाई पड़े लेकिन मोदी सरकार के दौरान राजनीतिक विपक्ष ने इन परंपराओं को भी ध्वस्त कर दिया इसका कारण तो यह दिखता है कि अगर राष्ट्रीय राजनीति में सरकार के खिलाफ कोई कारगर बुद्धा ना मिले नहीं चलती विपक्ष को ऐसे मुद्दे का सहारा लेना पड़ रहा है जिन से जुड़ी परिस्थितियों पर तो ही भारत सरकार का कोई नियंत्रण भी नहीं है रूस यूक्रेन का मामला ऐसा पहला फर्क नहीं है जब ऐसी मुश्किल के सामने विपक्ष ने रचनात्मक सहयोग के बजाय आवेदन विरोध में उपजे अवसर आज को इस प्रकार बनाया है अब राजनीति दलों और विशेषकर कांग्रे जैसे उस जिम्मेदार दल को जिसने कितने देशों तक केंद्रीय सत्ता संभाली हो कम से कम उसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नजाकत को समझना चाहिए वास्तव में विदेशी बंद शतरंज की ऐसी बरसात की तरह होते हैं जो पल प्रतिपल बदलते घटनाक्रम में अपनी चाल बहुत समझदारी से चलनी पड़ती है यह भावनाओं की वजह अवैध कार्यों को व्रत देनी पड़ जाती है लेखक महोदय ने उचित ही कहा है कि जब दुनिया के ताकतवर देशों ने अपने नागरिकों को उनके जो छोड़ दिया था तब मोदी सरकार द्वारा पूरे घटनाक्रम की गहन निगरानी के चार केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में ऑपरेशन बचाओ अभियान चलाया गया था ©Ek villain #विदेश नीति की नजाकत को समझें विपक्ष #MusicLove