हमें अपने दिल में कैद ना करना, हिदायत है हमारी, ये छोटे पिंजरे अक्सर ही हमें बेवफा करार देते हैं! हम वो 'परिंदे' हैं जिन्हें मंज़िल से इश्क निभाना है, ये रस्ते बेवजह ही हमारे किस्से 'इश्तिहार' करते हैं! लोग हमारे पंख काटकर ख़ुद को शेर समझ रहे हैं, उन्हें क्या पता हम इरादों से आसमान चीर लेते हैं! ~ आकांक्षा शर्मा "चेतना" @blithe.verses #EMERGING_WRITERS ©sachin mehra #typewriter