मुझमें जो भी आ जाता है उसे याद रखता हूँ उनकी महकी यादों को मैं शादाब रखता हूँ कहानियों के हर किरदार में गुज़र करता हूँ जितना हो सके उतना उसे आबाद रखता हूँ . शादाब : हरा भरा शादाब