ग़म के बादल कभी तो गुज़र जाएंगे अंधेरे का रुख मोड़ उजाले इधर आएंगे सिसकियां भी किलकारियों से दब जाएंगी सन्नाटे भी कभी मौत की आगोश में समा जाएंगे राते भी गुजरने लगेंगी हसीं याद बनकर दिन के उजाले भी तुझको देख मुस्कुराएंगे मरने लगी थी जो ख्वाहिशें दिल में दबी हुई हौसलों के पर ले कर खुले आसमान में उड़ जाएंगे नादानियों की फेहरस्ती जो लंबी हुआ करती थी अब उसमें समझदारी के किस्से गढ़े जाएंगे ishu.…....... #nojoto hindi#nojoto news