फोन ●●●●● लघुकथा #NojotoQuote फोन ●●●● अभी थक हारकर पलँग पर बैठी ही थी कि तभी याद आया कि एक कॉल कर लूँ। उठकर पर्स में से फोन निकलने के लिये पर्स उठाया। तभी बेटी पास आकर, "मम्मी मेले हाथ गन्दे हो गए धुलवा दो ना" पर्स वहीं रखकर हाथ धुलवाने चली गयी रुचि, "बहु एक कप चाय मिलेगी क्या?" "जी माँजी अभी लायी" कहकर रुचि रसोई की तरफ बढ़ चली,