नज़्म ये मन-भावन सा अपना-पन जाने कहाँ से लाती हो, जब आती हो दिल का टुकड़ा एक चुरा ले जाती हो, चुप रह के कुछ नहीं कह के क्या से क्या कह जाती हो, दबे दबे से बुझते ख़्वाबों को और हवा दे जाती हो, छोटी छोटी मीठी बातें भूल चुके थे हम जिन को, हल्के हल्के याद दिला के इस दिल को सहलाती हो, जाते वक़्त यही कहती हो अगली बार न जाओगी, कैसे कैसे ना-मुम्किन से वा'दे तुम कर जाती हो, आते ही जाने की जल्दी देर न हो घबराती हो , देर हुई तो इस दिल में ही क्यों नहीं रह जाती हो||| ©शाकिब अहमद "राहिल" #Moon #nzam #nojoto.com #Nojoto #Hindi #shayri DEVENDRA KUMAR (देवेंद्र कुमार) 🙏 Sudha Tripathi pooja negi#