Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़हर-ए-ख्वाब, स्याही बनकर जिश्म से उतर गया।। (Read

ज़हर-ए-ख्वाब, स्याही बनकर जिश्म से उतर गया।।

(Read in caption) 
मेरे ज़हन में वो ज़हर-ए-ख्वाब जैसे फैलता ही जा रहा था
रोकने की बहुत कोशिश की उसे पर वो जैसे मेरे खून में घुलता ही जा रहा था।।

✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨

वो नीला रंग मेरे बदन का जैसे अपनो को खोने का दर्द दे रहा था
अब किसीसे मिल न पाऊँगी दोबारा ये डर अब सता रहा था।।
ज़हर-ए-ख्वाब, स्याही बनकर जिश्म से उतर गया।।

(Read in caption) 
मेरे ज़हन में वो ज़हर-ए-ख्वाब जैसे फैलता ही जा रहा था
रोकने की बहुत कोशिश की उसे पर वो जैसे मेरे खून में घुलता ही जा रहा था।।

✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨

वो नीला रंग मेरे बदन का जैसे अपनो को खोने का दर्द दे रहा था
अब किसीसे मिल न पाऊँगी दोबारा ये डर अब सता रहा था।।
anonymous4389

Anonymous

New Creator