उसको मैं बुला नही शकता , उस पर अब मेरा हक क्या है ? वैसे भी वो कवरक्षेत्र से बाहर है , और फिर मेरी जरूरत भी क्या है ? कौन हूँ मैं , क्या हूँ मैं , बताओ तो , पुराने और नए 'सोयेब' में फर्क क्या है ? उसकी खुदकी एक परिवार है अब तो , भटके मुसाफिर की एहमियत क्या है ? क्या पता क्यों उम्मीद रखें है ये दिल , क्या इसे पता नही उनकी कैफियत क्या है ? मैं जिनकी खातिर सोता नही रातो में , उन्हें पता है कि ईश्कके रतजगे क्या है ?? क्या है ?