काश ये सब झूठ होता, मेरे सपनो को दबा दियाँ गयाँ। मुझे र्घमें जिते जी जैसे दफ्नॉ दियाँ गयाँ। दुरसे ऐ दुनियाँ कित्नी अच्छी लगती हे। रात हो या दिन गाँव सेहेर सुनसान गलियों में चिखे सुने को मिल्ती हे। रेड़िओ अखबारो टिवियों में दरिन्दो की दरिन्दगी दिखायाँ जाता हे काशये सब झुठ होता। ©pk Love Sayr #pk #सायर # लेखक #दुनियाँ #कास #ये #सब #झुठ #होता। #Alas