ज़िन्दगी के सपने उमड़े है इन किताबों में ज़िन्दगी सी बस गई है अब इन किताबो में। हौसले है मेरे बुलन्द छूना है मुझे अस्मा जो छुपा है इन किताबों में। ©Komal saini Komal Saini #Books #Books