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सुलग रही थी कहीं आग, यूँ दबी राख़ में, आख़िरी ले रहे

सुलग रही थी कहीं आग, यूँ दबी राख़ में,
आख़िरी ले रहे थे सास, अरमान खाक़ में। #Winter #surmayeeshayar #Hindi #Aag #Khaq #Nojoto #sulagti #आग
सुलग रही थी कहीं आग, यूँ दबी राख़ में,
आख़िरी ले रहे थे सास, अरमान खाक़ में। #Winter #surmayeeshayar #Hindi #Aag #Khaq #Nojoto #sulagti #आग
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Eshayar

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