बैठता हूँ जब तन्हा अकेले में खो जाता हूँ उसकी यादों में| खलती हैं फ़िर उसकी कमी सीने में जैसे कोई वज़ह ही नहीं बची जीने में| सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है । आज का शीर्षक है : #उसकी_कमी