गलती उसकी गलती का एहसास मुझको हो रहा है ये कैसा प्यार मुझको हरबार हो रहा है वो तो सो जाता है बिखेरकर सपने नींद से मेरा युद्ध क्यों घनघोर हो रहा है हर रोज नई शुरुआत वो कर देता है बावजूद रात के मेरा दिल क्यों बेजोर हो रहा है बहला देता हैं हरबार कुछ नया सुनाकर दिन ब दिन दिल क्यों इतना समझदार हो रहा है आखरी हो लगता हैं पर फिर से शुरू ये दिल के अन्दर कैसा शोर हो रहा है उसके जाने का डर इतना है की दिल मेरा अन्दर ही अन्दर बिमार हो रहा है जान गया है शायद मेरी कमजोरी को छोडकर फिर पकडता है बडा होशियार हो गया है हर बात सच हो जाती हैं उसकी रोकर आँसू तो जैसे उसका हतियार हो गया है दिल है मेरा के तुटता ही नही तोडने का रंज तो हररोज हो रहा है ना चाहकर भी साथ है मेरे शायद किये वादेपर मजबूर हो रहा है #nojoto #nojotohindi #nojotopoetry #love