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चांद को जब जब निहारूं अपने चांद की सूरत दिखती है च

चांद को जब जब निहारूं
अपने चांद की सूरत दिखती है
चांद सी महबूबा कहते हैं लोग
मुझे तो चांद की चांदनी मेरी महबूबा से ली उधार की लगती है

©Dr  Supreet Singh
  #मेरा_चांद