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अचानक भीड़ में वो हाथ मेरा खींचकर बोली उम्मीदी आँसु

अचानक भीड़ में वो हाथ मेरा खींचकर बोली
उम्मीदी आँसुओं से आँख अपनी सींचकर बोली
मुझे तुमसे मोहब्ब्त है, समझ पाते नहीं क्यों तुम
बोलना था मोहब्ब्त से मग़र वो खीझकर बोली

--प्रशान्त मिश्रा Proposal of a girl
अचानक भीड़ में वो हाथ मेरा खींचकर बोली
उम्मीदी आँसुओं से आँख अपनी सींचकर बोली
मुझे तुमसे मोहब्ब्त है, समझ पाते नहीं क्यों तुम
बोलना था मोहब्ब्त से मग़र वो खीझकर बोली

--प्रशान्त मिश्रा Proposal of a girl