तालिब ए उलूम हूं में ताकत ए वतन हूं ज़ुल्मत में चिराग हूं में उल्फत का चमन हूं मेरे दम से भरे है मुस्तकबिल के रंग दुनिया भी मेरे जीवन की इबादत से राज़ी है खुदा भी दीवार हूं में नेकी की और बदी का कफन हूं ज़ुल्मत में चिराग हूं में उल्फत का चमन हूं मिसाइल हूं में कलाम की आर्यभट्ट का सय्यारा हूं किस्मत की नाव चलती जहां उस दरिया का किनारा हूं तिलक हूं शिमाल का और खाक ए दकन हूं ज़ुल्मत में चिराग हूं में उल्फत का चमन हूं! आदिल खान #तालिब ए इल्म (विद्यार्थि) ज़ुल्मत (अन्धेरा) उल्फत (मोहब्बत)