White सुनो, हमने ये यार नहीं होने दिया मुहब्बत को व्यापार नहीं होने दिया रखा था जो लबों पर, तल्ख था बहुत पर उन बातों से आज़ार नहीं होने दिया मैं तुम और कुछ तन्हाई, अरे हां यही मगर दूरियों को भी बेज़ार नहीं होने दिया कहता है ज़माना, हैं बज्म ए सुखन फिज़ूल उनके तखय्युल को भी बेकार नहीं होने दिया हम है इश्क़ के काईल और रहेंगे उम्र भर भी मतलब कल्ब ए तलबगार भी नहीं होने दिया ©Ana #GoodMorning #Trending #rekhta #bhaijaan #Zaryoun #Love #tum #Shayar #Ghalib #ghazal कवि आलोक मिश्र "दीपक" कवि जय पटेल दीवाना शायरी लव शायरी हिंदी