इक दफा बचपन में कला का इम्तहान देते वक्त मैं अचानक बीमार पड़ गया था बना पाया था सिर्फ एक अधूरा पीली साड़ी का किनारा जिस पर चन्द लाल फूल उकेरे थे मैंने! बाद में.. उस कागज़ के टुकड़े को माँ ने उसे फ्रेम करवा कर इक दीवार पर टांक दिया बना दिया मुझे पिकासो अपनी नजरों में.. आज भी कई दफा जब गुजरता हूँ तंग हालातों से शक करता हूँ अपनी काबिलियत पर देख लिया करता हूँ उस अधूरे नक़्श को और मुझे हौसलों के पर लग जाते हैं.. ©KaushalAlmora "शुक्रिया माँ" #everydayismothersday #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #हौंसला #पंख #poetry #life