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दिल तुझे कहना चाहता है पर नहीं जुटा पाता हिम्मत इस

दिल तुझे कहना चाहता है
पर नहीं जुटा पाता हिम्मत
इस मुश्किल को कैसे सुलझाऊं
हाय कैसी है मेरी किस्मत
कह दिया तो पता नहीं क्या होगा
ऊपर वाले तू ही कर दे रेहमत
बिना कहे वो समझ जाए
क्योंकि मुझमे नहीं की जहमत

©Brijendra Singh
  rehmat

rehmat #कविता

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