रस्ता और गाँव भूल चुके है उस गाँव का रस्ता जहाँ था कभी मेरा वाबस्ता राहें शहर की पकड़ी कुछ ऐसे शहर ने भी कुछ पकड़ लिया ऐसे फिर न जा पाया जो था मेरे गाँव का रस्ता शहर में जिस्म भटक रहा है रुह वही जिधर मेरे गांव का रस्ता भूल चुके है उस गाँव का रस्ता जहाँ था कभी मेरा वाबस्ता कुँवर सुरेन्द्र भूल चुके है उस गाँव का रस्ता जहाँ था कभी मेरा वाबस्ता राहें शहर की पकड़ी कुछ ऐसे शहर ने भी कुछ पकड़ लिया ऐसे फिर न जा पाया जो था मेरे गाँव का रस्ता शहर में जिस्म भटक रहा है रुह वही जिधर मेरे गांव का रस्ता