वो अपने माता - पिता के बुढ़ापे की लाठी है। वो अपने पति की संगिनी है । वो अपनी बिटिया की दुनिया है । वो महिला सशक्तिकरण की पहचान है । वो अपने कस्बे के महिलाओं कि आदर्श है । वो मुस्कुराती हुई, चहकती "बुलबुल" हैं ~आनंद ( सौरभ ) #Womens