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स्वर्ग का दर्जा मिला था मुझे । पूरे जहां ने जाना थ

स्वर्ग का दर्जा मिला था मुझे ।
पूरे जहां ने जाना था मुझे
पर आज ये कैसा मंज़र है
सब जगह तबाही है।
चारों ओर कैसा शोर है
हर जगह देशद्रोहियो के नारे है।
जहां खिलते था फूल कभी
आज वहां खिल रहे देशद्रोही हैं।
जहां लोग बसना थे चाहते वहां कोई आना न चाहता।
क्या कसूर है, उन मासूमों का ,
उन औरतों का ,उन लोगों का , जो अपने को भारतिय मानते है।
उन सैनिकों का जो मेरे लिए अपनी कुर्बानी दे रहे है।
"मैं कश्मीर" और मैं हूँ एक हिस्सा भारत का , 
और मुझे आज़ादी चाहिए उन देशद्रोहियो से।
 #कश्मीर की आवाज़#आज़ादी#सहीदों की क़ुर्बकनी को सलाम#आज़ादी#infinity
स्वर्ग का दर्जा मिला था मुझे ।
पूरे जहां ने जाना था मुझे
पर आज ये कैसा मंज़र है
सब जगह तबाही है।
चारों ओर कैसा शोर है
हर जगह देशद्रोहियो के नारे है।
जहां खिलते था फूल कभी
आज वहां खिल रहे देशद्रोही हैं।
जहां लोग बसना थे चाहते वहां कोई आना न चाहता।
क्या कसूर है, उन मासूमों का ,
उन औरतों का ,उन लोगों का , जो अपने को भारतिय मानते है।
उन सैनिकों का जो मेरे लिए अपनी कुर्बानी दे रहे है।
"मैं कश्मीर" और मैं हूँ एक हिस्सा भारत का , 
और मुझे आज़ादी चाहिए उन देशद्रोहियो से।
 #कश्मीर की आवाज़#आज़ादी#सहीदों की क़ुर्बकनी को सलाम#आज़ादी#infinity