हे!नारी तेरे जीवन की बगिया है बड़ी प्यारी,तू पूज्य है, तू अतुलनीय है,तू जग में न्यारी, तेरे हृदय के स्पंदन में जग का मोह है बसा,कर तेरे हृदय को आहत यह जग बैरी हँसा, भुला अपना अधिकार,दिया असीम प्यार,तू स्नेह की अविरल धार,तेरी महिमा अपरम्पार, बन काली, रणचण्डी, अपमान का बदला भी तूने क्या नितान्त लिया, तेरी शक्ति का कोई भेद नही,पवित्रता हेतु अग्नि परीक्षा तक दे दिया, कभी पुत्री,कभी ममतामयी माँ,कभी अर्धनगिनी बन गई तुम सिया, मानवता ने हमें सिखाया, नारी का सम्मान जग में सबसे बड़ा बताया, यहीं हैं विश्वजगजन्नी, सुंदरता की मूरत तुझे ही सब ने हैं जग में पाया, शिव ,राम हो या कृष्ण सभी ने नारी का हर युग युग मे गुणगान किया, नारी शक्ति,नारी भक्ति,जीत गया जग में जिसने नारी का सम्मान किया। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०५ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।