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आज सावन की पहली बरसात हो गई जन्मो की प्यासी धरती

आज सावन की पहली बरसात हो गई 
जन्मो की प्यासी धरती के अधर भर गई
ऐसा लगता है 
मानो 
ये काली घटाएं मुझसे कह रही हो 
अब सब ठीक होगा 
क्योंकि 
मै अपने आगोश मै कुछ अमृत जो दे  गई
आज सावन की पहली बारिश भी हो गई

लगता है ,ये चंचल बूंदे कह रही है
की
मै अपने अंदर सब समेट कर लाई हु
कुछ खुशियाँ ,और संग पिया की याद लाई हु
तुम सब परेशान हो 
इस कुदरत के कहर से 
मे इसी कहर का तोड़ लाई हु
लो मासूमो के चेहरों पर से 
छुटी वो मुस्कान वापिस दे गई
देखो मै सावन की पहली बरसात दे गई

©Himanshii chaturvedi #pahlibarish  #formyloveak #best_poetry #BestFansEver
आज सावन की पहली बरसात हो गई 
जन्मो की प्यासी धरती के अधर भर गई
ऐसा लगता है 
मानो 
ये काली घटाएं मुझसे कह रही हो 
अब सब ठीक होगा 
क्योंकि 
मै अपने आगोश मै कुछ अमृत जो दे  गई
आज सावन की पहली बारिश भी हो गई

लगता है ,ये चंचल बूंदे कह रही है
की
मै अपने अंदर सब समेट कर लाई हु
कुछ खुशियाँ ,और संग पिया की याद लाई हु
तुम सब परेशान हो 
इस कुदरत के कहर से 
मे इसी कहर का तोड़ लाई हु
लो मासूमो के चेहरों पर से 
छुटी वो मुस्कान वापिस दे गई
देखो मै सावन की पहली बरसात दे गई

©Himanshii chaturvedi #pahlibarish  #formyloveak #best_poetry #BestFansEver