हुक्मरानों की नहीं - समाज की जिम्मेदारी है दोषी किसे ठहरायें जब सारी गलती हमारी है देश में कौन सी ऐसी जगह है, जहाँ कोई समाज स्थापित न हो.. फ़िर उसी समाज से निकले व्यक्ति का अन्तर विसंगतियों से अगर भर जाए तो दोषी कौन है फ़िर ?? कोई कुकृत्य घटित होता है तो समाज चुप क्यों हो जाता है ?? हमें सारे जवाब सियासी कामकाज संभालते लोगों से ही क्यों चाहिए होते हैं ?? हर बात Law 'n Order पर ही आकर ख़त्म हो जानी है क्या ??