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कुछ कहना है तुम से अगर इज़ाज़त हो तो कहूँ Dear #Tu

कुछ कहना है तुम से 

अगर इज़ाज़त हो तो कहूँ Dear #Tum

मुझे ना सीखने का बहुत शौक है पहले बहुत किताबें पढ़ा करती थी इतनी कि मुझे अब उन किताबों के नाम तक याद नही 😄 और इस ही शौक के चलते हर रोज़ नये नये दोस्त बना लेती हूँ ... दोस्त से मतलब समझते हो ना तुम ! ... हाँ बाबा हाँ ... जानती हूँ तुम समझदार हो और दोस्ती का मतलब जानते हो ... लेकिन क्या है ना ... लोगों ने फिल्मों को देख समझ लिया है दोस्ती मतलब प्यार है जो कि सही भी है ... लेकिन मेरे लिए दोस्ती का मतलब कृष्णा और सुदामा वाली ...  या फिर राधा कृष्णा वाली ... जहाँ प्यार हो भरपूर है लेकिन समाज के दायरों में रह कर  ... जानते हो मेरे बाबा ( पापा ) मुझे कहते थे #पागला तुम ना गलत युग में पैदा हो गई हो ... थोड़ा सा मतलबी और स्वार्थी होना सीखो ... तब मैं राजेश खन्ना जी की मूवी का डॉयलॉग मारती और कहती " अपने लिए तो हर कोई जीता है ... कभी दूसरों के लिए जी कर देखो कितना मज़ा आता है ! " और बाबा ... सर पे हल्की सी थपकी देकर कहते " तुम नही सुधरने वाली " और फिर मैं कहती " अगर मैं सुधर गई तो आप को तंग कौन करेगा ? " Dear #Tum तुम ना बहुत कुछ सीख कर मुझ से मिलना या फिर हम दोंनो साथ में दुनिया को explore करेंगे ... साथ में गलती कर कर के सीखेंगे और तुम्हें एक बात बता दूं मैं ना गलतियों का चलता फिरता पुतला हूँ ... 😄😄😄 अगर तुम मुझे मिलो तो परफेक्ट वाली defination भूल कर मिलना ... मैं नही चाहती कि तुम एक Time  के बाद मुझे realize कराओ कि मैं तुम्हारी बस एक गलती हूँ ... आजकल लोग ना ... दोस्तो से जरूरत से ज्यादा उम्मीदे रखने लगे है । मुझ से भी रखी थी लेकिन मैंने सब की उम्मीदों पर पानी फेर दिया ... ये मत पूछना कैसे फेरा ... माँ कहती है " काम बिगाड़ने में मैं बहुत expert हूँ " 😄😄😄 जॉन एलिया साहब का एक बहुत प्रसिद्ध शेर है अब अच्छे से याद नही और गूगल करने का मन नही फिर भी बोल देती हूँ " एक हुनर कर गया हूँ मैं , कि सब के दिल से उतर गया हूँ मैं" एक और था ऐसा ही लेकिन किन का लिखा है याद नही " बस एक यहीं हुनर तो सीखा है हमने , जिन से मिलिये उन्हें खफ़ा ही कीजिए ।" और ये वाले गुण मुझ में कूट कूट कर भरे है ... अच्छा सुनो ... डरा नही रही बस बता रही हूँ  ... मिलो तो सब्र थोड़ा ज्यादा लेकर मिलना 👉😜👈

#तुम्हारी_मैं
कुछ कहना है तुम से 

अगर इज़ाज़त हो तो कहूँ Dear #Tum

मुझे ना सीखने का बहुत शौक है पहले बहुत किताबें पढ़ा करती थी इतनी कि मुझे अब उन किताबों के नाम तक याद नही 😄 और इस ही शौक के चलते हर रोज़ नये नये दोस्त बना लेती हूँ ... दोस्त से मतलब समझते हो ना तुम ! ... हाँ बाबा हाँ ... जानती हूँ तुम समझदार हो और दोस्ती का मतलब जानते हो ... लेकिन क्या है ना ... लोगों ने फिल्मों को देख समझ लिया है दोस्ती मतलब प्यार है जो कि सही भी है ... लेकिन मेरे लिए दोस्ती का मतलब कृष्णा और सुदामा वाली ...  या फिर राधा कृष्णा वाली ... जहाँ प्यार हो भरपूर है लेकिन समाज के दायरों में रह कर  ... जानते हो मेरे बाबा ( पापा ) मुझे कहते थे #पागला तुम ना गलत युग में पैदा हो गई हो ... थोड़ा सा मतलबी और स्वार्थी होना सीखो ... तब मैं राजेश खन्ना जी की मूवी का डॉयलॉग मारती और कहती " अपने लिए तो हर कोई जीता है ... कभी दूसरों के लिए जी कर देखो कितना मज़ा आता है ! " और बाबा ... सर पे हल्की सी थपकी देकर कहते " तुम नही सुधरने वाली " और फिर मैं कहती " अगर मैं सुधर गई तो आप को तंग कौन करेगा ? " Dear #Tum तुम ना बहुत कुछ सीख कर मुझ से मिलना या फिर हम दोंनो साथ में दुनिया को explore करेंगे ... साथ में गलती कर कर के सीखेंगे और तुम्हें एक बात बता दूं मैं ना गलतियों का चलता फिरता पुतला हूँ ... 😄😄😄 अगर तुम मुझे मिलो तो परफेक्ट वाली defination भूल कर मिलना ... मैं नही चाहती कि तुम एक Time  के बाद मुझे realize कराओ कि मैं तुम्हारी बस एक गलती हूँ ... आजकल लोग ना ... दोस्तो से जरूरत से ज्यादा उम्मीदे रखने लगे है । मुझ से भी रखी थी लेकिन मैंने सब की उम्मीदों पर पानी फेर दिया ... ये मत पूछना कैसे फेरा ... माँ कहती है " काम बिगाड़ने में मैं बहुत expert हूँ " 😄😄😄 जॉन एलिया साहब का एक बहुत प्रसिद्ध शेर है अब अच्छे से याद नही और गूगल करने का मन नही फिर भी बोल देती हूँ " एक हुनर कर गया हूँ मैं , कि सब के दिल से उतर गया हूँ मैं" एक और था ऐसा ही लेकिन किन का लिखा है याद नही " बस एक यहीं हुनर तो सीखा है हमने , जिन से मिलिये उन्हें खफ़ा ही कीजिए ।" और ये वाले गुण मुझ में कूट कूट कर भरे है ... अच्छा सुनो ... डरा नही रही बस बता रही हूँ  ... मिलो तो सब्र थोड़ा ज्यादा लेकर मिलना 👉😜👈

#तुम्हारी_मैं
yashvisingh7466

Yashvi Singh

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