घर टूटा ,दिल टूटा , टूटे सपने सारे है। फिर ऐसा लगा कि दुनिया में सब पराए हैं। ना मंजिल का ठिकाना ना ही राह में चलने के किराए हैं। फिर रहे है आवारा बनकर पैतरे जिंदगी ने भी क्या सिखाए हैं। घर टूटा ,दिल टूटा टूटे सपने सारे हैं। ए खुदा अब तुही बता जिंदगी किसके सहारे हैं। मरहम भी ना लगा पाए हम ऐसे जख्मों के मारे हैं। साथ देने आते है जो वहीं चिंगारी लगाने वाले है। घर टूटा ,दिल टूटा और टूटे सपने सारे हैं।।। ©aayush patel writeup on current situation❗❗❗