सुनो तुम क्या ख़रीदने निकले हो , अब किस को फ़क़ीर करने निकले हो। ज़िंदगी में कितनों को किया तूमने नापाक , अब किस-किस को पलीद करने निकले हो। इतना सब कुछ कर तुम्हारा जी नहीं भरा , अब किस की ज़िंदगी बुरीद करने निकले हो। ना जाने कितनों की लूटी खुशियाँ तूमने , किस को जिंदगी में फ़रीद करने निकले हो। बहुत हुआ तुम्हारा अब छोडूँगा नहीं तुम्हे , बोल के अब किस को वईद करने निकले हो। बदला-बदला सा है रवैय्या अब तुम्हारा 'आरू ' , अब किस की खुशिया को मुफ़ीद करने निकले हो। ©आराधना . . . . . . . #shabdshringaar #Writersofinstagram #igpoets #wordporn #writersofindia #micropoetry #aarukibaatein #meri_aapbeeti_ #aabhawrites #aaruswrites #saju #sajal #meriaapbeeti