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White ग़ज़ल ****'*** 122  - 122 - 122 - 122

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ग़ज़ल 
****'***

122  - 122 - 122 - 122


ये सूरज मुझे अब जलाता बहुत हैं, 
तुम्हारी ये यादें दिलाता बहुत हैं।

जमाने में उसको नहीं दर्द कोई, 
दिखाने को अक्सर वो हँसता बहुत हैं।

हमारे बिना हो गया हैं वो तन्हा, 
वो बातें दिलों की छुपाता बहुत हैं।

हमें याद करके वो नगमें सुहाने,
दिलों ही दिलों में गुनगुनाता बहुत हैं।

ये हम जानते हैं हमें सब पता है,
उमा अब वो आँसू बहाता बहुत हैं।

©Uma Vaishnav
  #flowers #gajal