तुममें मेरी दुनिया बसती (अनुशीर्षक में पढ़ें) तुममें मेरी दुनिया बसती झील की गहराई से नैन चुराते हैं मेरा चैन, सोचता हूँ तुम्हे मैं दिन रैन काली घनघोर घटा से केश तुम्हारे खो जाना चाहता हूँ इनमें मैं,