हाथों से फिसलते 'रिस्ते' भी संभालें जा सकते हैं यदि सारे "गिले-शिकवों को आप भुला सकते हैं रहता नहीं बाकी कोई "रंजिशों" का बचा बहाना तो उनके घर पर कभी भी आप आ जा सकते हैं ©Anushi Ka Pitara #अपना #पन #रिस्ते