शहर हर तरफ भाग दौड़ मची है, कागज के रंगीन टुकड़ो से ही ज़िंदगी घिरी है, किसी को बात करने की फुर्सत नही, कोई वक्त देने को तैयार नही, ऊँचे मीनारे ऊँचे लोग भी दिखते है, पर मदद करने वाले कहाँ मिलते है,