#Pehlealfaaz बिस्तर साँझा एक करते रहे और दिल अलग, उसे इश्क़ था उस ख़ूबसूरत बला से जिस के होंटो पर था तिल। मैं हर रात निभा रही थी किरदार उसकी पत्नी का, वो ख्वाबों में जीता रहा हर पल उसके जिस के होंटो पर था तिल। हाथ थाम सड़को पर भागती थी उसके मुशायरे में वक़्त पर जाने को, वो सुनाता रहा नज़्म, गज़ल उसके लिये जिस के होंटो पर था तिल। मैं आज अकेले बैठे ताक रहीं हूँ उस आसमान की ओर, शायद लगे उसे मेरी ख़बर जैसे कहता था उसकी लगती है जिस के होंटों पर था तिल। ~मदालिषा तोमर 'सहबा' #sahba #kavita #hindi #कविता #हिंदी #सहबा