मेरी श्रीमती हमेशा एक ही सवाल में उलझी रहती, लिखने की मेरी आदत से मुझसे बुझी सी है रहती , किसके लिए लिखते हो, ये शब्दों के ताने बाने क्यों बुनते हो, अब तो आपकी शादी हो गयी है, फिर क्यों वक्त बर्बाद करते हो, मै बस श्रीमती जी से इतना ही कहता हूँ सोचता हूँ अब न लिखूँ, लेकिन क्या करूँ बिना लिखें अधूरा महसूस करता हूँ और हर दिन शब्दों से मोहब्बत कर लेता हूँ , सच तो बस इतना है कि मैं शब्दो को नही शब्द मुझे लिखते है, इसलिए शब्दों में लोग मुझे ढूँढते है, #हमेशा एक ही सवाल