तुम वादों पर यकीन मत करना, वादें तो होते हैं तोड़ देने को। वादा करके मुकर जाते लोग, न जाने क्या बतलाते जमाने को।। टूटा दिल वादों की बुनियाद पर इंतजार करता, अच्छा बहाना मिल जाता दिल बहलाने को। यकीन करें तो कैसे प्यार झूठे यकीन पर टीका, सब खोकर अब कुछ नहीं गवाने को।। आस लगाकर वो दूर तक चला, ख्वाब संजोता हजारों, हंसकर जमाना देखता गम में बहते झरने को।। किसे बताएं दिल का हाल कोई अपना नहीं होता, टूटी फूटी नींद नादान रखता सिरहाने को। वापस लौट कर आना फिर आता नहीं, मोहब्बत तो हो चुकी, बेबस है अपना दिल जलाने को।। याद करता मोहब्बत से पहले के वो सुहाने दिन, कितना खुश था बेताब खुद को पाने को। सोच समझ कर चलो मोहब्बत की डगर , वादें तो करते हैं लोग पर उलझे बैठे निभाने को।। ©Yogendra Nath Yogi #promiseday#वादों पर यकीन