*गीता*...मेरे लिए हो सकता है आपमें से कोई भी, मेरी बातों से सहमत न हो। मैंने कभी भी *गीता* को उस दृष्टि से नहीं देखा है, कि *गीता* को एक सुंदर से वस्त्र में बांध कर एक साफ सुथरी जगह पर उस तरह सुस्सजित किया जाए.... शेष अनुशीर्षक में पढ़िए 🙏 *गीता*...मेरे लिए हो सकता है आपमें से कोई भी, मेरी बातों से सहमत न हो। मैंने कभी भी *गीता* को उस दृष्टि से नहीं देखा है, कि *गीता* को एक सुंदर से वस्त्र में बांध कर एक साफ सुथरी जगह पर