"युद्ध की भीषणता को देखकर ही हारना मना है । दो चार घावों से भय कर भागना मना है । बिन साहस के कौन है जो विजित बना है ? जीता वही है जो पल पल अड़ा हर पल लड़ा है । "कमजोर हूँ मैं है कहाँ दम?" तेरी लालसा भी बोनी है! फिर सोचता है हो नहीं सकता कि ये तो अनहोनी है । इस पार गर है प्रयास, अ थक प्रयास, अविरल प्रयास, तो उस पार है पूरी सफलता, ना आधी है ना पोनी है।।" -जय सिंह गोयल तिंवरी #Sahas