चलते चलते उन अंजानी राहो मे कब साथ तुम्हारा पाया था हौले हौले दिल के दरवाजे पर कब नाम तुम्हारा आया था इतना भी अब मुझको याद नही जब एहसास रूहानी वो छाया था कितनी दफा चाहा कह दूं तुमको पर तुमको खोने का डर समाया था इकरार पर तुम इनकार ना कर दो मन ने मेरे यही मुझे समझाया था बिन लफ्जों की दहलीज को लांघे क्या तुम कभी मुझको समझ पाओगे जितना मैने तुमको चाहा है क्या तुम भी वैसा कर पाओगे #चलतेचलते #साथतुम्हारा #मैं_और_मेरे_जज़्बात #अनोखा_रिश्ता #yqbaba #yqdidi #mysteryoflove