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मेरे सानिध्य में शराब आई तो वो भी दो पैग के बाद रू

मेरे सानिध्य में शराब आई तो वो भी दो पैग के बाद रूक  कर बात करे,
मय को भी मज़ा तभी आता है जब बहका हुआ पते की बात करे।

बात पते की है दुआ में दवा में फर्क है ये जान ले,
आदमी लगातार हँस नहीँ सकता,पर उम्र भर रोवा करे याद करे।
मेरे सानिध्य में शराब आई तो वो भी दो पैग के बाद रूक  कर बात करे,
मय को भी मज़ा तभी आता है जब बहका हुआ पते की बात करे।

बात पते की है दुआ में दवा में फर्क है ये जान ले,
आदमी लगातार हँस नहीँ सकता,पर उम्र भर रोवा करे याद करे।