संभलते-संभलते ज़रा देर हो गई हम गिरते रहे, सच बताते रहे कमियाँ भी हममें कुछ कम ना थीं ठुकराए भी गए, घर जाते रहे अपनों की महफ़िल में मिले भी वापारी हम छले गए, फिर भी निभाते रहे बयां तो हम भी कर सकते मिथ्या-मधुर ज़मीर मगर खुद का बचाते रहे खो दिया खुद को भी औरों को मनाते रुसवाई खुदी से जताते रहे अब संभले तो पाया कि नहीं कोई और ये भुवनेश ही खुद को सताते रहे संभलते-संभलते... #संभलते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #yqbhaijan