जरूरी था नहीं फिर भी जरूरी तुम समझ बैठे मोहब्बत में बिछड़ने को, अधूरी तुम समझ बैठे और बिछड़े थे कृष्ण राधा कभी द्वापरयुग में कलयुग में सभी उनकी मोहब्बत को समझ बैठे © आंजनेय अंजुल #मोहब्बत #जरूरी_नहीं #आंजनेय_अंजुल ##NojotoNews #NojotoHindi #मुक्तक #NojotoShayari