आपके आने से फिजाओं के रंग ही बदल गए , बंद आंखों के सपने एक पल में सच हो गए । ख़ामोश मेरे लफ़्ज़ फूलों से खिल गए , आपके आने से फिजाओं के रंग क्या पूरे हम ही बदल गए ।। रहते थे जो कभी गुमशुदा से हम , आपने देखा कुछ इस तरह की हम खुशनुमा से हो गए । वैसे तो इस जालिम दुनिया से बड़ी नफरत करते थे हम , आपने प्यार किया कुछ इस तरह की हम रहनुमा से हो गए ।। छाए रहते थे जो गम के बदल पलक झपकते ही हट गए , आप मुस्कुराए कुछ इस तरह की मेरे चेहरे की हंसी बन गए कैसे करे शुक्रिया उस खुदा का हम , हमने मांगी थी पल भर की खुशी वो हमें खुशियों से भर गए ।। हमने देखा आपको बस एक नजर आप मेरी जिंदगी ही रोशन के गए , आप दिखे थे मुझे इंसान बनकर जब मिले तो फ़रिश्ते बन गए हमने समझा था आपको कुछ पल का साथी , आप आए कुछ इस तरह की उम्र भर के लिए ठहर गए ।। ©kavita ranjan #kavitascreativepoetry