ये बेचैनीयां सब तेरी हैं। ये खामोशियां सब तेरी हैं। ये चाहतें सब तेरी हैं। ये खिलवतें* सब तेरी हैं। - फ़क़त उमेश। *एकांत #बेचैनी #ख़ामोशी #चाहतें #खिलवत #इश्क़