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"स्वतंत्रता" हमारा हक है.. और नैतिकता हमारी जिम्मे

"स्वतंत्रता" हमारा हक है..
और नैतिकता हमारी जिम्मेदारी..
हक चाहिए तो कुछ जिम्मेदारियां उठानीं ही पड़ेगी।
नैतिक पतन के बाद की स्वतंत्रता 
पुरूषों और महिलाओं दोनों के लिए निंदनीय है।



मोना सिंह
आत्मसंपदा

©Mona Singh
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