चले आना मेरी ज़िंदगी में ऐसे, जुदा ना हो सके फ़िर कभी जैसे, तुझे नहीं पता तेरे बिन जिए है हम कैसे, मानों कलम में इंक खत्म हो गयी हो जैसे, थे जैसे पहले तुम मेरे रहना अब भी वैसे, रख लूंगा तुझे आज भी अपने दिल पहले जैसे, ग़र मुमकिन ना पाया तेरा लौट के आना ऐसे, जिंदा तो हम रह लेंगे मगर तेरे बिन जिएंगे कैसे।। #intezar #post89