शराब जिसे भूलने के लिए शराब पीता हूं... शराब पी के वो और याद आता है ।। सुना था मैय में सभी दर्दो की दवा है.. पीता हूं तो गम और उभार आता है ।। लुटा बैठा मोहब्बत में जो घर बार अपना.. मैखाने को वो अपना आस्तान बनता है ।। इसलिये भी मैंने कभी तोडा नही पैमाना.. पैमाने में मुझे यार का अक्स नज़र आता है ।। है आरज़ू आखरी वो पिला दे चश्म-ऎ-मस्त से.. बोतल में वो मज़ा कहाँ जो तेरी चश्म-ऎ-मस्त से आता है ।। jise #bhulne ke liye #sharab #peeta hu... #sharab #pee ke wo or #yaad aata hai suna tha #maye me hoti hai hai #dard ki #dawa #peeta hu to #gam or #ubhar aata hai... #luta #baitha #mohabbat me jo #ghar baar apna #maikhane ko wo apna #aastaan #banata hai isliye b maine nahi #toda #paimana #paimane me mujhe #yaar ka #Aks nazar #aata hai