छुपा था जो रहस्यमय राज़ किसी की आड़ में, ढूंढने पर पता लगा कि वो तो था बंद किवाड़ में, कुछ राज़ को राज़ ही रहने दो तो अच्छा है, जीवन का यही आधार सच्चा हैं, रिश्तों की डोर नाज़ुक होती हैं, विश्वास ही इसकी सच्चाई होती हैं। प्रतियोगिता संख्या - 5 Dr. Gauri Chawla ( Admin of the page ) समय सीमा : 31- May , 10:00 AM से 01- Jun , 10:00 AM तक । प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतियोगिता के समय सीमा के अंदर ही आप को Collab कर अपनी रचना लिखनी होगी। समय खत्म होने के बाद आप Collab कर सकते हैं पर प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते हैं।