परंपराओं के आकाश में भी खिल उठती हूँ मैं इंद्रधनुष जैसे सतरंगी रिश्तों के रंग रंगी हूँ मैं सपने कुछ अलग हैं मेरे अपने कुछ शर्तों पर जीती हूँ मैं पर नही अपने स्त्रीत्व से रीती हूँ मैं.... #इंद्रधनुष #yqdidi #yqbaba